बच्चों को खिलाने के लिए शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तरीकों का सहारा लेना लंबे समय तक उनके लिए हानिकारक हो सकता है। माता-पिता के रूप में हम सभी को आपके बच्चे के लिए स्वस्थ खाने की आदतों का महत्व पता है। हमें अपने बच्चे को एक संतुलित आहार प्रदान करने की आवश्यकता है जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल हैं। यह सलाह दी जाती है कि एक दिन मे कम से कम 4-5 फलों और सब्जियों का सेवन करें। लेकिन यह सब तभी संभव है जब आपका बच्चा अपनी प्लेट पर परोसा गया सबकुछ खाए। जो कि एक असली लड़ाई है। जब आपका बच्चा अपनी प्लेट में मौजूद खाने को खाना नहीं चाहता है, उस स्थिति में आप अपने बच्चे को मजबूर करते हैं। नतीजतन, आपका बच्चा दुखी हो जाता है और भूखे रहने का भी चयन करता है।
अगर आप अपने बच्चों को खिलाने के लिए मजबूर करेंगे तो क्या होगा:
1. अपने बच्चे को खाने के लिए छलयोजना का उपयोग करने का नकारात्मक प्रभाव हो सकता है: माता-पिता के रूप में, बच्चों को खिलाने का आपका कर्तव्य है। लेकिन कई माता-पिता इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं। वे अपने बच्चों को खिलाने के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तरीकों का सहारा लेते हैं। बच्चों को खाने के लिए मजबूर या छलयोजना का उपयोग नहीं की जाना चाहिए क्योंकि इससे उनके उपर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और वह अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों को अपना सकते हैं।
2. जब बच्चे भूखे हों तभी उन्हे खाना खिलाएँ : माता-पिता को बच्चों को तब खाना खिलाना चाहिए जब बच्चों को भूक लगी हो, ना कि जब वो खुद खाना खाना चाहते हों। बच्चों को हमेशा बताया जाता है कि क्या, किस समय और कितना खाना चाहिए। यदि आप अपने बच्चे को खिलाने के लिए मजबूर करना जारी रखते हैं, तो वह भोजन और खाने की आदतों के लिए एक नकारात्मक छवि विकसित कर लेंगे। इसलिए माता-पिता को बच्चों को तभी खाना खिलाना चाहिए जब बच्चों को भूख लगी हो।
3. स्नैकिंग से बचें: स्नैकिंग अच्छी आदत है लेकिन पूरे दिन चबाते रहना अस्वास्थ्यकर हो सकता है। इसलिए उन्हे फल, पनीर, मूंगफली का मक्खन, सब्जियां और हमस या डिप जैसे स्वस्थ और भरने वाले स्नैक्स की पेशकश करें। स्वस्थ स्नैक्स का आनंद मध्य सुबह और दोपहर, या भोजन के बीच 2-3 घंटे के अंतराल पर लिया जाना चाहिए। यह बच्चों को परिपूर्ण रहने मे मदद करता है।
4. स्वस्थ विकल्प: यदि आप चिप्स, पेय और पैक किए गए खाद्य पदार्थ जैसे अस्वास्थ्यकर भोजन की पेशकश करते हैं, तो यह आपके बच्चे की भूख को लंबे समय तक पूरा नहीं करेगा। वे इसके बाद शीघ्र ही दूसरे भोजन के लिए पूछेंगे, क्योंकि यह इसे लंच या डिनर के जैसे अगले भोजन के समय तक पेट भरा हुआ महसूस नही कराएँगे। आप उनके आहार से पूरी तरह से जंक या संसाधित भोजन को खत्म न करें। बल्कि आप उन्हें सप्ताह में एक बार दे सकते हैं या उन्हें यह भी महसूस करा सकते हैं कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
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